इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस रेडियो ऑपरेटर की 936 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द कर दिया है। अब कोर्ट ने यह फैसला लिया है कि इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान सरकार ने योग्यता में बदलाव कर दिया था तब कोर्ट ने साफ कहा “पुलिस भर्ती बोर्ड के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।“
40 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अब अंधकार में
इस भर्ती के लिए लगभग 40,000 अभ्यर्थियों से अधिक ने एग्जाम दिया था, जो 3 साल पहले 2022 में आयोजित की गई थी। अब इस फैसले के बाद हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में लटक हुआ है। यह मामला लंबे समय से विवादों में चल रहा था और कोर्ट में कई याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं। आख़िरकार कोर्ट ने सरकार के फैसले को गलत बताया और भर्ती पूरी तरह से रद्द करवाई
32 अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज मिले : सहायक लेखाकार भर्ती का सबसे बड़ा घोटाला
2016 की सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षा भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है जिसमे 32 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी मिले है जो जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में पूरी जानकारी मिली है इन सभी अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाणपत्रों को दिखा कर सरकारी नौकरी में दाखिला लिया था।
फर्जीवाड़े के सभी महत्वपूर्ण बिंदु:
इस फर्जीवाड़ा में 842 अभ्यर्थियों के दस्तावेज निगरानी में है जिसमे से अभी तक 32 के दस्तावेज फर्जी पाए गए है
फर्जी प्रमाणपत्र की मदद से आरोपियों ने ऐसे विश्वविद्यालयों से सर्टिफिकेट बनाए जो सही में मौजूद ही नहीं थे
इस सभी फ़र्ज़ी अभियर्थियों पर अब सख्त कार्रवाई शुरू क्र दी गई है सभी फर्जी नियुक्तियां को रद्द कर दी गई हैं। अब दोषियों और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई तेज़ी से शुरू हो गई है
सरकारी नौकरियों पर सवाल
यह मामला न केवल सरकारी नौकरियों की प्रक्रियाओं पर ही सवाल उठाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा कैसे युवाओं के भविष्य के साथ खेलते है। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद अब सरकार पर इस बात का दबाव है कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब सख्त कदम उठाए।